Uttarakhand General Knowledge / उत्तराखण्ड सामान्य ज्ञान / Uttarakhand gk
विषय - सूची
Uttarakhand General Knowledge – उत्तराखण्ड General Knowledge Uttarakhand (Uttarakhand gk) राज्य से संबन्धित समस्त प्रागैतिहासिक, ऐतिहासिक, आधुनिक इतिहास और भौगोलिक, सांस्कृतिक, धार्मिक स्थल, प्रमुख व्यक्ति, उत्तराखण्ड राज्य बनाने के लिए करे आन्दोलन व आंदोलनकारी, वन एवं वन्यजीव, खनिज, कृषि, जनसंख्या, जनजातियाँ आदि का संक्षिप्त वर्णन, परीक्षाओं में पूछे जाने वाले महत्वपूर्ण प्रश्न आदि।
1. राज्य के प्रतीक चिन्ह
- राज्य चिन्ह :- गोलाकार मुहर में तीन पर्वतों की श्रंखला मे ऊपर अशोक की लाट तथा नीचे गंगा की लहरों को दर्शाया है।
- राज्य पशु :- कस्तुरी मृग
- वैज्ञानिक नाम :- Moschus Chrysogaster
- राज्य पक्षी :- मोनाल
- वैज्ञानिक नाम :- Lophophorus Impejanus
2. राज्य में प्रथम व्यक्ति और स्थान
प्रथम मुख्यमंत्री | श्री नित्यानन्द स्वामी |
प्रथम राज्यपाल | श्री सुरजीत सिंह बरनाला |
उत्तराखण्ड लोक सेवा आयोग के प्रथम अध्यक्ष | एन पी नवानी |
प्रथम मुख्य सचिव | अजय विक्रम सिंह |
4. उत्तराखंड की प्रमुख नदियां
काली (सबसे बड़ी) | लिपुलेख-टनकपुर |
भागीरथी | गोमुख-देवप्रयाग |
भिलंगना | खतलिंग ग्लेशियर-टिहरी |
अलकनन्दा | संतोपन्थ-देवप्रयाग |
4. उत्तराखण्ड राज्य की राष्ट्रीय उद्यान
कॉर्बेट राष्ट्रीय उद्यान | नैनीताल (पौड़ी) |
गोविन्द राष्ट्रीय उद्यान | उत्तरकाशी |
नन्दादेवी राष्ट्रीय उद्यान | चमोली |
फूलों की घाटी | चमोली |
5. नदियों की किनारे बसे उत्तराखण्ड राज्य के नगर
विष्णुप्रयाग (चमोली) | अलकनन्दा या विष्णुगंगा, धौलीगंगा |
नन्दप्रयाग (चमोली) | अलकनन्दा और नन्दाकिनी |
कर्णप्रयाग (चमोली) | अलकनन्दा और पिण्डर |
रुद्रप्रयाग (रुद्रप्रयाग) | अलकनन्दा और मन्दाकिनी |
6. उत्तराखण्ड के प्रमुख दर्रे
उत्तराखण्ड में स्थित ट्रांस हिमालय, वृहत्त हिमालय, मध्य हिमालय, तथा शिवालिक श्रेणियों को आर-पार जोन के लिए प्रकृति प्रदत्त अनेक मार्ग हैं, जिन्हें दर्रा या गिरिद्वार या धुरा या पास कहा जाता है।
7. राज्य के वन्यजीव विहार
गोविन्द व. विहार | उत्तरकाशी |
केदारनाथ व. विहार | चमोली |
आस्कोट व. विहार | पिथौरागढ़ |
सोनानदी व. विहार | गढ़वाल |
8. उत्तराखण्ड राज्य से संबन्धित महत्वपूर्ण सामान्य ज्ञान प्रश्न
- कत्यूरी राजवंश का संस्थापक था – बसन्त देव
- ‘नीलकंठ महादेव’ का प्रसिद्ध मंदिर है – पौड़ी
- ‘श्री देव सुमन’ शहीद हुए – 25 जुलाई 1944
- खतलिंग ग्लेशियर स्थित है – टिहरी जनपद में
9. उत्तराखण्ड राज्य की प्रमुख झीलें/ताल
नैनीताल | नैनीताल (इसे ऋषि सरोवर भी कहते हैं) |
भीमताल | नैनीताल (त्रिभुजाकार, बीच में द्वीप, पानी गहरा नीला, कुमाऊँ क्षेत्र का सबसे बड़ा ताल) |
नौकुछियाताल | नैनीताल (9 कोनों वाला ताल,कुमाऊँ का सबसे गहरा ताल) |
सातताल | नैनीताल (छोटे-छोटे कई तालों का समूह, आकृति अश्वखुर के समान, इसी में गरुणताल, राम-लक्ष्मण-सीता ताल तथा 5 कोनों वाला नलदमयंती ताल है) |
10. राज्य के प्रमुख स्थल और उनके उपनाम
बागेश्वर | व्याघ्रेश्वर, नीलगिरी, उत्तर का वाराणसी, गोल्डेन वैली |
अल्मोड़ा (विभाण्डेश्वर) | उत्तर का काशी |
पिथौरागढ़ | छोटा कश्मीर, सोरक्षेत्र |
नैनीताल | झील नगरी, सरोवर नगरी |
11. उत्तराखण्ड राज्य की प्रमुख नदियाँ और उनके उद्गम स्थल
नदी | उद्गम |
टौंस | रुपिन-सुपीन हिमनद |
यमुना | यमनोत्री |
भागीरथी | गोमुख |
12. राज्य के प्रमुख ग्लेशियर/हिमनद
मिलम ग्लेशियर (16 किमी. लम्बा) | पिथौरागढ़ |
काली ग्लेशियर | पिथौरागढ़ |
नामिक ग्लेशियर | पिथौरागढ़ |
हीरामणि ग्लेशियर | पिथौरागढ़ |
13. उत्तराखण्ड राज्य के प्रमुख जल प्रपात और कुण्ड
सहस्त्रधारा (देहारादून)–यह देहरादून से 14 किमी. दूर बाल्दी नदी के पास स्थित है। नाम के अनुरूप यहाँ हजारों झरने है जिसमें से एक झरना गंधक युक्त जल का है। यहाँ स्नान से चर्मरोग ठीक होता है।·
कैम्पटी फॉल (टिहरी) – यह मसूरी से 15 किमी. दूर यमनोत्री मार्ग पर (टिहरी में) है। यह राज्य का सर्वाधिक मनोहर और विशाल जल प्रपात है।
टाइगर फॉल (देहरादून)– चकराता के पास है।
14. उत्तराखंड के प्रमुख खनिज संसाधन
राज्य में खनिज संसाधनों की कमी है, फिर भी कुछ मात्रा में खनिजों का उत्पादन होता है। कुछ जगहों में खनिजों का पता लगाया गया है। अभी तक की खोजों के आधार पर कहा जा सकता है कि उत्तराखण्ड खनिज कि दृष्टि से एक माध्यम श्रेणी का राज्य है।
15. उत्तराखण्ड : परिवहन तंत्र
- उत्तराखण्ड का पर्वतीय भू भाग धरातलीय विषमताओं के कारण यातायात के साधनों के विकास में बाधक है। सड़कों का निर्माण और रख रखाव मैदानी भागों की अपेक्षा काफी खर्चीला है। उत्तराखण्ड के सामरिक महत्व को देखते हुए सड़क निर्माण पर बल दिया जाने लगा है।
- जटिल भौतिक संरचना के कारण उत्तराखण्ड का लगभग 40% भू-भाग पर अभी तक सड़कों का विकास न हो पाने के बावजूद उत्तराखण्ड के कुल यातायात में सड़क यातायात का भाग 85% से अधिक है।
16. उत्तराखण्ड राज्य के प्रमुख धार्मिक स्थल part 1
पंचप्रयाग – दो नदियों के संगम को प्रयाग कहा जाता है। किंवदन्ती के अनुसार शिव की जटाओं से 3 धाराओं भागीरथी, अलकनन्दा, मन्दाकिनी का जहाँ जहाँ पर संगम हुआ या जिस नदी पर ये तीनों धाराये मिली वहाँ पर प्रयाग बनते चले गए और कालान्तर में ये प्रयाग प्रमुख तीर्थ स्थलों में बादल गए।
17. उत्तराखण्ड राज्य के प्रमुख धार्मिक स्थल part 2
चार धाम यात्रा उत्तराखण्ड के यमुनोत्री से शुरू होकर गंगोत्री, केदारनाथ होते हुए बद्रीनाथ पर समाप्त होती है।
यमुनोत्री – उत्तरकाशी जनपद में स्थित यमुनोत्रीतल से 4421 मी. की ऊंचाई पर बंदरपूंछ पर्वत पर स्थित है यहाँ का मुख्य मंदिर यमुना देवीको समर्पित है।
18. उत्तराखण्ड राज्य के प्रमुख धार्मिक स्थल Part 3
केदारनाथ – रुद्रप्रयाग में स्थित केदारनाथ शिवाजी के 12 ज्योर्तिलिंगों में से 11 वां श्रेष्ठ ज्योर्तिलिंग माना जाता है। इस मंदिर के कपाट श्रावण पूर्णिमा के दिन खुलते हैं। समुद्र ताल से 3584 मी. की ऊंचाईपर स्थित है।
19. उत्तराखण्ड राज्य से संबन्धित 50 महत्वपूर्ण प्रश्न
- टिहरी राज्य का भारतीय संघ में विलिनीकरण हुआ – 1949
- उत्तराखण्ड में सर्वाधिक ऊंचाई पर स्थित मंदिर है – तुंगनाथ
- केदारनाथ मंदिर का निर्माण किया – चन्द राजाओं ने
- चम्पावत को बसाया गया – राजा सोमचन्द्र द्वारा
20. उत्तराखण्ड राज्य के प्रसिद्ध मेले
मेले | स्थल | विशेषताएं |
नन्दादेवी मेला | अल्मोड़ा | सामान्य रूप से कुमाऊँ तथा गढ़वाल में कई जगह, विशेष रूप से अल्मोड़ा के नन्दादेवी परिसर |
श्रावणी मेला | अल्मोड़ा | जागेश्वर धाम में, श्रावण में |
सोमनाथ मेला | अल्मोड़ा (रानीखेत) | पशुओं का क्रय-विक्रय |
21. उत्तराखण्ड की नाट्य कला (फिल्म एवं अन्य)
त्तराखण्ड नाट्य कला की शुरुआत गढ़वाली – कुमाऊँनी सिनेमा से हुई । गढ़वाली-कुमाऊँनी बोली में सिनेमा का इतिहास 1981 के फिल्म जग्वाल(गढ़वाली में) शुरू होता है। 1981 से 2009 तक कुल 58 गढ़वाली बोली की और 4 कुमाऊँनी बोली की फिल्में प्रदर्शित हुई हैं।
22. उत्तराखण्ड के पारम्परिक परिधान एवं आभूषण
उत्तराखण्ड राज्य में स्त्रियों द्वारा धारण किये जाने वाले प्रमुख पारम्परिक आभूषण इस प्रकार हैं-
आभूषण | धारण अंग | विशेषता |
सीसफूल, बंदी (बांदी), सुहाग बिन्दी | माथे में | सौभाग्य का प्रतीक |
मुर्खली (मुर्खी) | कान में | – |
बुजनी/तुग्यल | कान में | – |
23. उत्तराखण्ड राज्य के प्रमुख व्यक्ति और उनके उपनाम
उपनाम | मूलनाम |
गुमानी | लोक रत्न पन्त |
गुसै या सै | सुमित्रा नन्दन पन्त |
गौर्दा | गौरीदत्त पाण्डे |
24. उत्तराखण्ड का इतिहास (History Of Uttarakhand)- परमार वंश
परमार वंश (Parmaar Vansh) का संस्थापक कनकपाल को माना जाता है। इस तथ्य की पुष्टि श्री बैकेट द्वारा प्रस्तुत पंवार वंशावली एवं सभासार नामक ग्रन्थ से होती है। इसके अतिरिक्त परमार वंशावली कैप्टन हार्डविक, विलियम एवं एटकिन्सन महोदय ने भी दी है।
25. कुमाऊँ के चंद राज्य वंश से संबन्धित महत्वपूर्ण प्रश्न
कुमाऊँ के चंद राज्य वंश से संबन्धित महत्वपूर्ण प्रश्न
- कुमाऊँ के चंदवंशी राजपूत निवासी थे – झूसी के
- झूसी स्थित है – इलाहाबाद (प्रयाग) मे फूलपुर से करीब 21-22 किमी॰ दूर दक्षिण-पश्चिम में गंगा नदी के बाएँ तट पर
- चंद राज्य वंश का संस्थापक था – सोमचंद
26. गढ़वाल में परमार वंश से संबन्धित महत्वपूर्ण प्रश्न
- परमार वंश (Parmar Vansh) का आदिपुरुष / संस्थापक था – कनकपाल
- ‘गढ़वाल एन्शियण्ट एण्ड मौडर्न’ प्स्तक के लेखक थे – पातीराम
- ‘पुराना दरबार’ नमक राजप्रसाद स्थित है – टिहरी में
- ‘सभासार’ नामक ग्रंथ के लेखक थे – सुदर्शनशाह
27. Uttarakhand One Liner (Uttarakhand GK)
- राज्य पुनर्गठन अधिनियम – 1956
- कुमाऊँ परिषद का गठन – 1916
- गढ देश सेवा संघ की स्थापना की – श्रीदेव सुमन ने दिल्ली में (1938)
- उत्तराखण्ड क्रांति दल का गठन हुआ – मसूरी में (1979)